निगाहों से शर्त-ए-वफ़ा लीजिएगा - The Indic Lyrics Database

निगाहों से शर्त-ए-वफ़ा लीजिएगा

गीतकार - NA | गायक - ना | संगीत - सुबल दासगुप्ता | फ़िल्म - सुबह शाम | वर्ष - 1944

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नित नित के रूठनेवाले साजन

नित नित के रूठनेवाले साजन

तुम दीप बनो मैं पतंग बनूँ

हे: नहीं

तुम दीप बनो मैं पतंग बनूँ

दो: फिर दोनों मिल कर जल जाएँ

र: नित नित के दुःख में सुख पाएँ

हे: मैं राख बनूँ और उड़ जाऊँ

र: मैं पवन रूप मे संग चलूँ

नित नित के रूठनेवाले साजन

र: मैं कली बनूँ और खिलूँ नहीं

हे: मैं भँवरा बनूँ और मिलूँ नहीं

र: मैं खिल कर तुम पर फूल बनूँ

हे: मैं फूल का सुन्दर रंग बनूँ

नित नित के रूठनेवाले साजन