तन्हाई सुनाया करती हैं - The Indic Lyrics Database

तन्हाई सुनाया करती हैं

गीतकार - कमाल अमरोही | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

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तन्हाई सुनाया करती है कुछ बीते दिनों का अफ़साना
वो पहली नज़र का टकराना इक दम से वो दिल का थम जाना
इक दम से वो दिल का थम जाना
ओवो मेरा किसी की चाहत में जीने को मुसीबत कर लेना
दिन रात अकेले रह रह कर तन्हाई की आदत कर लेना
बहलाये कोई तो रो देना समझाये कोई तो घबराना
समझाये कोई तो घबरानादिन रात मुहब्बत के वादे दिन रात मुहब्बत की कसमें
हम उनकी नज़र के क़ाबू में दिल उनके इशारों के बस में
जो बात न मुँह से कह सकना वो बात नज़र से कह जाना
वो बात नज़र से कह जाना
ओरह रह के हमारी आँखों में तस्वीर कोई लहराती है
रातों को हमारे कानों में आवाज़ किसी की आती है
दुनिया की नज़र से छिप छिप कर मिलते हैं वो हमसे रोज़ानातन्हाई सुनाया करती है कुछ बीते दिनों का अफ़साना
कुछ बीते दिनों का अफ़साना