हर दिल में नफरत भरी है तू मील टू पुच्छुन - The Indic Lyrics Database

हर दिल में नफरत भरी है तू मील टू पुच्छुन

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - संतान | वर्ष - 1976

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हर दिल में नफ़रत भरी है कोई दिल साफ़ नहीं है
मालिक तेरी सारी दुनिया में कहीं इंसाफ़ नहीं हैतू मिले तो पूछूँ तुझसे क्या ये है न्याय तेरा
दुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरा
तू मिले तो पूछूँ ...नेकी करने वालों को तो मिलती यहाँ बुराई है
ख़ुदगर्ज़ी के तूफ़ानों में डूब गई सच्चाई है
किसी की नगरी बस गई देखो किसी का लुट गया डेरा
तू मिले तो पूछूँ ...कितनी उमंगें लाए थे हम दिल में समेटकर
ले जा ले आ रहे हैं हसरतें क़फ़न में लपेटकर
अब किसपे करें भरोसा जब तूने ही मुँह फेरा
दुनिया को दिए उजाले ...तेरी झूठी दुनिया की हम सब दीवारें तोड़ चले
तुझे मुबारक तेरी दुनिया हम तो दुनिया छोड़ चले
मर कर भी न भूल सकेंगे हम एहसान ये तेरा
तू मिले तो पूछूँ ...