मिलाती है जिंदगी पुरुष मोहब्बत कभी कभी - The Indic Lyrics Database

मिलाती है जिंदगी पुरुष मोहब्बत कभी कभी

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - ब्रह्मचारी | वर्ष - 1968

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मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी-कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी-कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी-कभी

होती है दिलबरों की
इनायत कभी कभी
होती है दिलबरों की
इनायत कभी कभी

शर्मा के मुंह न
फिर नज़र के सवाल पर
शर्मा के मुंह न
फिर नज़र के सवाल पर
लाती है ऐसे मोड़ पर
किस्मत कभी कभी
लाती है ऐसे मोड़ पर
किस्मत कभी कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी कभी

खुलते नहीं हानि
रोज़ दरीचे बहार के
खुलते नहीं हानि
रोज़ दरीचे बहार के
आती है जान-इ-मन
ये क़यामत कभी कभी
आती है जान-इ-मन
 

ये क़यामत कभी कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी कभी

तनहा न काट सकेंगे
जवानी के रास्ते
तनहा न काट सकेंगे
जवानी के रास्ते
पेश आएगी किसीकी
ज़रूरत कभी कभी
पेश आएगी किसीकी
ज़रूरत कभी कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी-कभी

फिर खो न जाने हम कहीं
दुनिया की भीड़ में
फिर खो न जाने हम कहीं
दुनिया की भीड़ में
मिलाती है पास आने की
मुहलत कभी कभी
मिलाती है पास आने की
मुहलत कभी कभी
होती है दिलबरों की
इनायत कभी-कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी कभी
मिलाती है ज़िन्दगी में
मोहब्बत कभी कभी.