साड्डा हक़ - The Indic Lyrics Database

साड्डा हक़

गीतकार - इरशाद कामिल | गायक - मोहित चौहान | संगीत - एआर रहमान | फ़िल्म - रॉकस्टार | वर्ष - 2011

Song link

View in Roman

तुम लोगों की, इस दुनिया में हर कदम पे इंसा गलत
मैं सही समझ के जो भी कहूँ तुम कहते हो गलत
मैं गलत हूँ फिर कौन सही फिर कौन सही
मर्जी से जीने की भी मैं क्या तुम सबको मै अर्जी दू
मतलब की तुम सबका मुझपे मुझसे भी ज्यादा हक़ है
साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख

हे इन गदारो में या उधारो में
तुम मेरे जीने की आदत का क्यों घोट रहे दम
बेसलीका मै उस गली का मै ना जिसमे हया, ना जिसमे शर्म
मन बोले के रस में जीने का हर्जाना दुनिया दुश्मन
सब बेगाना इन्हें आग लगाना
मन बोले मन बोले मन से जीना या मर जाना है
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख

ओ इको फ्रेंडली, नेचर के रक्स मै भी हु नेचर
रिवाजो से समाँझो से क्यों
तू काटे मुझे क्यों बांटे मुझसे इस तरह
क्यों सच का सबक सिखाए जब सच सुन भी ना पाया
सच कोई बोले तो तू नियम कानून बताये
तेरा डर तेरा प्यार तेरी वाह तू ही रख रख साले
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
ऐथे ऐथे रख साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख
साड़ा हक़, एथे रख साड़ा हक़, एथे रख