पीतल की मोरी गागरी - The Indic Lyrics Database

पीतल की मोरी गागरी

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - परवीन सुल्ताना, मीनू पुरुषोत्तम | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - दो बूंद पानी | वर्ष - 1971

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पीतल की मोरी गागरी, दिलड़ी से मोल मंगाई रे-२
पाओं में घुंघरू बांध के, अब पनिया भरन हम जाई रे-२
पीतल की मोरी गागरीपायलिया बोले छुमक छुमक, बदली है चाल, हाय हाय
बदली है चाल जवानी की -२
चुन्दरिया सरके इधर उधर, बेसर्मी देख, होय होय
बेसर्मी देख दीवानी की-२
बदनामी होगी गाओं में चुन्दरी कहीं जो तूने गँवाई रे-२
पीतल की मोरी गागरीtinkling laughterसनसन सनसन जिया करे जब गगरी डूबे पानी में-२
अपना मुखड़ा नया लगे, हम जब जब, होय
हम जब जब देखें पानी में-२
गालों पे लाली आ गई, अरे किस ने ये आग लाई रे-२
पीतल की मोरी गागरी, दिलड़ी से मोल मंगाई रे
पाओं में घुंघरू बांध के, अब पनिया भरन हम जाई रे
पीतल की मोरी गागरी