हो के मायुस तेरे दर से सवाली ना गया - The Indic Lyrics Database

हो के मायुस तेरे दर से सवाली ना गया

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफी, अजीज नाजान, शंकर शंभू, अंबर कुमार | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - लैला मजनू | वर्ष - 1976

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र : हो के मायूस तेरे दर से सवाली न गया
झोलियाँ भर गईं सबकी कोई खाली न गयाअ : तेरे दरबार में जो भी परेशाँ हो के आए
दुआएँ दे के जाए और मुरादें ले के आए
तू रहमत का फ़रिश्ता है तू उजड़े घर बसाए
तू रूहों का मसीहा है तू हर ग़म की दवा है
अहल-ए-दिल अह-ए-मोहब्बत पे इनायत है तेरी
तूने डूबों को उबारा है ये शोहरत है तेरी
अनोखी शान तेरी निराली आन तेरी
तू मस्ती का ख़ज़ाना तेरा हर दिल दीवाना
तू महबूब-ए-ख़ुदा है तू हर ग़म की दवा है
तभी तो सब ( कहते हैं ) -३
हो के मायूस तेरे ...र : जमाल-ए-यार देखा है रुख़-ए-दिलदार देखा
किसी का नाज़नीं जलवा सर-ए-दरबार देखा
तमन्नाओं के सहरा में हसीं गुलज़ार देखा
जबसे देखा है तुझे दिल का अजीब आलम है
जान-ओ-ईमाँ भी अगर नज़र करूँ तो कम है
था जो सुनने में आया तुझे वैसा ही पाया
तू अरमानों की मंज़िल तू उम्मीदों का साहिल
तू हर बिगड़ी बनाए तू बिछड़ों को मिलाए
तभी तो सब ( कहते हैं ) -३
हो के मायूस तेरे ...