अरे तुम तो शायरा जब इश्क दा गुंजल पद जाए - The Indic Lyrics Database

अरे तुम तो शायरा जब इश्क दा गुंजल पद जाए

गीतकार - समीर | गायक - सुखविंदर सिंह, जसपिंदर नरूला, अजय देवगन, महिमा चौधरी | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - दीवाने | वर्ष - 2000

View in Roman

अरे तुम तो शायरा हो गईं
हः हः तुम्हारी संगत का असर है
वैसे क़ायल तो हैं ही हम तुम्हारी शायरी के
अच्छा
तुमने आजतक बताया नहीं तुम करते क्या हो
चोरी
फिर मज़ाक
बिलकुल नहीं
हः हः क्या चुराते हो? दिल?
बाज़ारों में बिकते तो दिल भी चुरा लेताओ जब इश्क़ दा गुंजल पड़ जाए हाय
कोई तीर जिगर में गड़ जाए
न न न
कोई लाख बचाए अक्ख अपनी ओ
हो कोई लाख बचाए अक्ख अपनी
ये लड़ जाए तो लड़ जाए
ओय जब इश्क़ दा गुंजल ...चाहें सच बोले या झूठ कहे
हर बात में हामी भरती हूँ
ना यार ख़फ़ा हो जाए कहीं
इसलिए गुलामी करती हूँ
जब इश्क़ दा इश्क़ दा इश्क़ दा हाँ जी
जब इश्क़ दा गुंजल ...हो हा सजना के एक इशारे पे
घर बार लुटाना पड़ता है
जो रूप सजन को भा जाए
वो रूप बनाना पड़ता है
जब इश्क़ दा गुंजल ...मेरा माही मेरा सपना
हो मेरा माही मेरा सपना
जो सामने है जो दिखता है
माही उसको ना देखे
बेगाना है जो मिलता नहीं
ज़ुल्मी क्यूं उसको ढूँढे
ये पागल है दीवाना है
कैसे इसको समझाऊं
न न न ये इश्क़ नशा ये इश्क़ जुनूं
ये बात न सबके बस की
ये हो जाए तो हो जाए
ये बात सुने कब किसकी
ये नहीं होता तो हाँ जी हाँ
नहीं होता तो नहीं होता
नहीं होता तो नहीं होता
ये नईं हुंदा ते नईं हुंदा ते नईं हुंदा
जब इश्क़ दा गुंजल ...