टूटे हुए अरमानों की इक दुनिया बसाये - The Indic Lyrics Database

टूटे हुए अरमानों की इक दुनिया बसाये

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - श्याम सुंदरी | फ़िल्म - लाहौर | वर्ष - 1949

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उड़ जाऊँ मैं साजन रे पंख लगा कर के

उड़ जाऊँ मैं साजन रे पंख लगा कर के

दु: तोहे पकडूँ सजनी रे जाल बिछा कर के

रा:

मैं जाल तुम्हारा दूर करूँ

नैंनों के तीरों से चूर करूँ

मैं बाग़ों में छुप जाऊँ

कूक सुना कर के

दु:

मैं सोने का पिञ्जरा बनवाऊँ

जादू से खेंच तोहे लाऊँ

पिंजरे में नाच नचाऊँ

तार हिला कर के

रा: ना ना ऽऽऽ

दु: मैं बादल बन के छा जाऊँ

रा: मैं बिजली बन के तड़पाऊँ

दु: मैं प्रेम का मंत्र सिखाऊँ

रा: मैं प्रेम का मन्त्र सुनाऊँ

दो: कानों में आ कर के

रा: मोरे साजन

दु: हो मोरी सजनी