निगाहें रुक गईं हाय कहाँ पर - The Indic Lyrics Database

निगाहें रुक गईं हाय कहाँ पर

गीतकार - शकील | गायक - रफ़ी, शमशाद | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - चांदनी रात | वर्ष - 1949

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निस दिन बरसत नैन हमारे

निस दिन बरसत नैन हमारे

सदा रहत बावस ऋतु हमपे

जब से श्याम सिधारे

निस दिन बरसत नैन हमारे

अखियां ढूँढ थकी मन थकयों

चलत चलत पग हारे

सूर्दास जी!

अखियां ढूँढ थकी मन थकयों

चलत चलत पग हारे

सूर श्याम भटको मत दर दर खोलो मन के द्वारे

खोलो मन के द्वारे खोलो मन के द्वारे