जादू है तेरा ही जादू - The Indic Lyrics Database

जादू है तेरा ही जादू

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक, कुमार सानू | संगीत - जतिन ललित | फ़िल्म - ग़ुलाम | वर्ष - 1998

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जादू है तेरा ही जादू
जो मेरे दिल पे छाने लगा
जादू है तेरा ही जादू
जो मेरे दिल पे छाने लगा

दीवाने मेरे ये तो बता क्या किया तूने ?
मीठा सा दर्द होने लगा

ये क्या हुआ ?
पहले ना ऐसा होता था
मैं हूँ कहाँ मैं जानू ना
ये क्या हुआ ?
पहले ना ऐसा होता था
मैं हूँ कहाँ मैं जानू ना

कोई मुझे.. इतना बता दे
घर का मेरे.. मुझको पता दे

मैंने तो ये जाना ना
होता है क्या इंतज़ार ?
मेरा दिल क्यों माने ना ?
मुझको तो हो गया है प्यार

मैं चैन से, पहले रातों को सोती थी
तूने मेरी नींदें लूटी
मैं चैन से, पहले रातों को सोती थी
तूने मेरी नींदें लूटी

ये रोग क्या…?
तूने लगाया, दीवानापन.. कैसा जगाया ?

जादू है तेरा ही जादू
जो मेरे दिल पे छाने लगा
जादू है तेरा ही जादू
जो मेरे दिल पे छाने लगा

ओ जाना मेरी ये तो बता किया तूने ?
मीठा सा दर्द होने लगा

ये क्या हुआ ?
पहले ना ऐसा होता था
मैं हूँ कहाँ मैं जानू ना
ये क्या हुआ ?
पहले ना ऐसा होता था
मैं हूँ कहाँ मैं जानू ना

कोई मुझे.. इतना बता दे

घर का मेरे.. मुझे मेरे मुझको पता दे

जानेमन, ओ जाने जां
क्या है इरादा बता ?
छूने दे इन होटों को, होटों से मेरे ज़रा

क्या खूब है, मैं भी कैसा दीवाना था
क्यों इश्क़ से अंजना था ?
क्या खूब है, मैं भी कैसा दीवाना था
क्यों इश्क़ से अंजना था ?

पागल मुझे तूने बनाया
चाहत है क्या मुझको बताया ?
जादू है दीवाने मेरे

जादू है तेरा ही जादू
जो मेरे दिल पे छाने लगा
जादू है तेरा ही जादू
जो मेरे दिल पे छाने लगा

दीवाने मेरे ये तो बता क्या किया तूने ?
मीठा सा दर्द होने लगा

ये क्या हुआ ?
पहले ना ऐसा होता था
मैं हूँ कहाँ मैं जानू ना
ये क्या हुआ ?
पहले ना ऐसा होता था
मैं हूँ कहाँ मैं जानू ना

कोई मुझे.. इतना बता दे
घर का मेरे.. मुझे मेरे मुझको पता दे