ज़िंदगी हंसने गाने के झूठ है पल दो पल - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी हंसने गाने के झूठ है पल दो पल

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सपन चक्रवर्ती | फ़िल्म - ज़मीर | वर्ष - 1975

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ज़िन्दगी हँसने गाने के लिए है पल दो पल
इसे खोना नहीं खो के रोना नहीं
ज़िन्दगी हँसने गाने ...तेरे गिरने में भी तेरी हार नहीं
कि तू आदमी है अवतार नहीं
जो हो देश वो भेस बना प्यारे
चले जैसे काम चला प्यारे
प्यारे तू ग़म न कर
ज़िन्दगी हँसने गाने ...जहाँ सच ना चले वहाँ झूठ सही
जहाँ हक़ न मिले वहाँ लूट सही
यहाँ चोर हैं सब कोई साधु नहीं
सुख ढूँढ ले सुख अपराध नहीं
प्यारे तू ग़म न कर
ज़िन्दगी हँसने गाने ...