जान से तो जान तेरे मन मन छुपाकर बैठे - The Indic Lyrics Database

जान से तो जान तेरे मन मन छुपाकर बैठे

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - उस्ताद | वर्ष - 1957

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जान सके तो जान
तेरे मन में छुपकर बैठे देख तेरे भगवान
जान सके तो ...सदियाँ बीतीं लेकिन तेरा दीप न बुझने पाया
तेरी पूंजी मन की दौलत सबसे ऊँची माया
( सीता जैसी शक्ति तुझमें ) -२ पार्वती सी आन
जान सके तो ...कोई न तेरा न कोई मेरा सारे नाते झूठे
टूटे दिल की आस तो क्या आस न उसकी छूटे
( वही सच्चा तेरा स्वामी ) -२ मान अरे इंसान
जान सके तो ...घर भी छूटा दर भी छूटा ढूँढे रैन-बसेरा
ग़म के गहरे बादल छाए चारों ओर अँधेरा
निर्धन के दुख-दर्द को क्यों कर जान सके धनवान
जान सके तो ...नैन अँधेरा रस्ता सूना भटके जा दुखियारी
तेरे दिल की राख में जलती आज भी इक चिंगारी
हार न क़िस्मत कभी तो होगी राह तेरी आसान
जान सके तो ...पापों की अपने देखो मूर्ख आप सज़ा है पाता
जो भी सीधी राह में भटके जोड़ न उससे नाता
दिल में लाखों तूफ़ाँ जागे आँख न लेकिन रोए
कर्म का पालन करने वाली आन अपनी खोए
देखो-देखो ममता ( प्यार का दे बलिदान ) -२
जान सके तो ...