कान्हा कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार - The Indic Lyrics Database

कान्हा कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - शागिर्द | वर्ष - 1967

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कान्हा कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
मोहे चाकर समझ निहार कान्हा
तू जिसे चाहे ऐसी नहीं मैं
हाँ तेरी राधा जैसी नहीं मैं
फिर भी हूँ कैसी, कैसी नहीं मैं
कृष्णा मोहे देख तो ले एक बार
बूँद ही बूँद मैं प्यार की चुनकर
प्यासी रही पर लाई हूँ गिरिधर
टूट ही जाए आस की गागर
मोहना ऐसी कांकरिया नहीं मार
माटी करो या स्वर्ण बना लो
तन को मेरे चरणों से लगा लो
मुरली समझ हाथों में उठा लो
सोचो ना कछु अब हे कृष्ण मुरार