कल की दौलत , आज की खुशियाँ - The Indic Lyrics Database

कल की दौलत , आज की खुशियाँ

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - असली नक़्ली | वर्ष - 1962

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कल की दौलत, आज की खुशियाँ
उन की महफ़िल, अपनी गलियाँ
असली क्या है, नकली क्या है, पूछो दिल से मेरे
तोड़ के झूठे नाते रिश्ते, आया मैं दिलवालों में
सच कहता हूँ चोर थे ज़्यादा दौलत के रखवालों में
उस दुनिया ने बात ना पूछी, इस दुनिया ने प्यार दिया
बैठा मन के राजमहल में सपनों का संसार दिया
आसमानपर रहनेवालो धरती को तो पहचानो
फूल इसी मिट्टी में महके तुम मानो या न मानो