कल के सपने आज भी आना - The Indic Lyrics Database

कल के सपने आज भी आना

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - आदमी | वर्ष - 1968

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कल के सपने आज भी आना
प्रीतम को भी साथ में लाना
आज भी दिन है मधुर सुहाना
बाज रही है मन की बासूरीयां
नैनों के तट पे, प्रेम के रथ पे
लौट के अब तो, आ जा साँवरिया
मैं भी सुनाऊँ दिल का तराना
झूमते बादल, गाते झरने
आज किसी को ढूँढ रहे है
मैं तो ये जानू सारे नज़ारे
सजना तुझ ही को ढूँढ रहे है
आज मुझे भी दरस दिखाना
मेरी नगरीया, आ मेरे रसिया
डगर डगर मैं अखियाँ बिछाऊँ
दिल में बिठा के, नैन मिला के
जनम जनम की प्यास बुझाऊँ
तोहे सिखाऊँ, प्रीत निभाना