जश्न-ए-इश्क़ा - The Indic Lyrics Database

जश्न-ए-इश्क़ा

गीतकार - इरशाद कामिल | गायक - जावेद अली, शादाब फरीदी | संगीत - सोहैल सेन | फ़िल्म - गुंडे | वर्ष - 2014

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जश्न-ए-इश्क़ा…

[दौर-ए-इश्क़ा एक जश्न है
लेकिन अपना अलग टशन है
ख़ून में सुलगी एक अगन है
बह के दिखलायेगा ये तेवर]x २

[चाहत के दर पे
दिल का धरना है
ना मर के जीना
जी के मरना है]x २

तूफ़ान के हमदम

अंगारे के हमदम
धड़कन में थोड़ा सा
बारूद है ख्वाहिश काजश्न-ए-इश्क़ा… जश्न-ए-इश्क़ा…

[लोहा जुग, हम आरी
सब पे हैं हम भारी
आधा जग से याराना है
आधी रब से यारी]x २

चलता है सिक्का
हुक्मों का इक्का
बनता >अपना हर दिन
है शोला सा इश्क़ा

जश्न-ए-इश्क़ा… जश्न-ए-इश्क़ा…

[दिल कि भट्टी डाले
ग़म के कोयले काले
लोगों कि बातों से लाखों
रूह पे पड़ गए छाले]x २

ज़ख्मों को सहला
ये दिल ना बहला
दिल भी जैसे एक तार
है अपनी ही गर्दिश का
जश्न-ए-इश्क़ा…