कल के अपने न जाने क्यों हो गए आज पराए - The Indic Lyrics Database

कल के अपने न जाने क्यों हो गए आज पराए

गीतकार - इन्दीवर | गायक - आशा भोसले | संगीत - श्यामल मित्र | फ़िल्म - अमानुष | वर्ष - 1975

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कल के अपने न जाने क्यों हो गए आज पराए
रेत का सागर प्यार का सपना प्यासा ही तरसाए
प्यार ने क्या क्या रंग भरे थे, लिखी थी दो तकदीरें
आई जो आँधी बनकर मिट गई बादल की तस्वीरें
प्यार का रंग है जाने कैसा
रंग दाग़ बन जाए
दोष नहीं है तूफानों का माँझी ही ले डूबे
दीवानपन बनकर रह गए मन के ये मनसूबे
ताशों का घर काम ना आए
बनते ही गिर जाए