और फिर यूँ हुआ - The Indic Lyrics Database

और फिर यूँ हुआ

गीतकार - निदा फाजली | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - विशाल भारद्वाज | फ़िल्म - मुन्तज़िर | वर्ष - Nil

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और फिर यूँ हुआ
रात एक ख़्वाब ने जगा दिया
फिर यूँ हुआ, चाँद की वो डली घुल गयी
और यूँ हुआ, ख़्वाब की वो लड़ी खुल गयी
चलती रही बेनूरिया
जलते रहे अंधेरों की रोशनी के तले
फिर नहीं सो सके, एक सदी के लिये, हम दिलजले
और फिर यूँ हुआ, सुबह की धूल ने उड़ा दिया
फिर यूँ हुआ, चहेरे के नक़्श सब धुल गये
और यूँ हुआ, गर्द थे गर्द में रूल गये
तनहाईयाँ ओढ़े हुये, गलते रहे भीगे हुये, आँसुओ से गले
फिर नहीं सो सके, एक सदी के लिये, हम दिलजले