यूँ ही चला चल राही - The Indic Lyrics Database

यूँ ही चला चल राही

गीतकार - गुलजार | गायक - उदित नारायण - कैलाश खेर - हरिहरन | संगीत - ए. आर. रहमान | फ़िल्म - स्ट्राइकर | वर्ष - 2010

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यूँ ही चला चल राही
यूँ ही चला चल राही
कितनी हसीन है ये दुनिया
भूल सारे झमेले,
देख फुलों के मेले
बडी रंगीन है ये दुनिया
ये रास्ता है कह रहा अब मुझसे
मिलने को है कोई कहीं अब तुझसे
दिल को है क्यों ये बेताबी
किससे मुलाकात होनी है
जिसका कब से अरमां था
शायद वो ही बात होनी है
यूँ ही चला चल राही, यूँ ही चला चल राही
जीवन गाडी है, समय पैय्या
आंसू की नदीया भी है, खुशियों की बगिया भी है
रस्ता सब तेरे तके भैय्या
यूँ ही चला चल राही, यूँ ही चला चल राही
कितनी हसीन है ये दुनिया
फूल सारे झमेले, देख फुलों के मेले
बडी रंगीन है ये दुनिया
देखूँ जिधर भी इन राहों में
रंग पिघलते हैं निगाहों में
ठंडी हवा है, ठंडी छाँव है
दूर वो जाने किसका गाँव है
बादल ये कैसा छाया
दिल ये कहाँ ले आया
सपना ये क्या दिखलाया है मुझको
हर सपना सच लगे, जो प्रेम अगन जले
जो राह तू चले, अपने मन की
हर पल की सींप से मोती ही तू चुने
जो तू सदा सुने, अपने मन की
यूँ ही चला चल राही
यूँ ही चला चल राही
कितनी हसीन है ये दुनिया
फूल सारे झमेले, देख फुलों के मेले
बडी रंगीन है ये दुनिया
मन अपने को कुछ ऐसे हल्का पाए
जैसे कंधो पे रखा बोझ हट जाए
जैसे भोला सा बचपन फिर से आए
जैसे बरसों में कोई गंगा नहाए
धुल सा गया है ये मन
खुल सा गया हर बंधन
जीवन अब लगता है पावन मुझको
जीवन में प्रीत है, होठों पे गीत है
बस यही जीत है, सुन ले राही
तू जिस दिशा भी जा, तू प्यार ही लूटा
तू दीप ही जला, सुन ले राही
यूँ ही चला चल राही
यूँ ही चला चल राही
कौन ये मुझको पुकारे
नदिया, पहाड, झील और झरने
जंगल और वादी
इन में हैं किसके इशारे
यूँ ही चला चल राही
यूँ ही चला चल राही