बीवी है चीज सजावट कि - The Indic Lyrics Database

बीवी है चीज सजावट कि

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, अल्ताफ राजा | संगीत - दिलीप सेन-समीर सेन | फ़िल्म - | वर्ष - 1998

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बीवी है चीज़ सजावट की
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
बीवी से घर को सजाते हैं
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
सौतन का शौक़ पुराना है सौतन को सर पे बिठाते हैं
भरती नहीं नीयत सौतन से सौतन की सौतन लाते हैं
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
बीवी है चीज़ ...ओ जिसे दुनिया सौतन कहती है वो दो न.म्बर का खाता है
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
जिसे काले धन की तरह सबकी नज़रों से छुपाया जाता है
बीवी है चीज़ ...ओए शिया लाहू शियू ओए शिया लाहू
हर रोज़ नए कपड़ों की तरह बदले है सहेली साजन की
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
ओ इक तन से कहां मन मानता है करते हैं चाहत सौ तन की
पर सौतन को भी खबर कहां
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
मिल पाती है इनके मन की
ये मर्द बड़े ही चालू हैं चौतरफ़ा जाल बिछाते हैं
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
बीवी है चीज़ ...सौतन के चक्कर को साजन चाहें लाख छिपाए हज़ारों से
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
लेकिन ये पकड़े जाते हैं बीवी की तेज़ निगाहों से
बीवी की पूछताछ का ढंग
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
कुछ कम नहीं थानेदारों से
बीवी तो पुलिस से बढ़कर है ये पुलिस के लोग बताते हैं
बल्ले बल्ले ओ यारा बल्ले बल्ले
बीवी है चीज़ ...