आपके प्यार में हम - The Indic Lyrics Database

आपके प्यार में हम

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक | संगीत - नदीम-श्रवण | फ़िल्म - राज़ | वर्ष - 2002

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आपके प्यार में हम संवरने लगे
देखके आपको हम निखारने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे

आप जो इस तरह से तड़पाएंगे
ऐसे आलम में पागल हो जायेंगे
आप जो इस तरह से तड़पाएंगे
ऐसे आलम में पागल हो जायेंगे
वो मिल गया जिसकी हमें कबसे तलाश थी
बैचैनी इस सांसों में जन्मों की प्यास थी
जिस्मों से रूह में हम उतरने लगे
जिस्मों से रूह में हम उतरने लगे

इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे

रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जायेगी मन मचल जायेगा
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जायेगी मन मचल जायेगा

ये लब जरा टकराए जो दिलबर के होंठ से
चिंगारियां उड़ने लगी शबनम कि चोट से
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे

इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे