हमन अब ये जिना गवारा नहीं हैं - The Indic Lyrics Database

हमन अब ये जिना गवारा नहीं हैं

गीतकार - बहज़ाद लखनवी | गायक - जी. एम. दुर्रानी | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - खेल | वर्ष - 1950

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हमें अब ये जीना गवारा नहीं है -२
के दुनिया में कोई हमारा नहीं है -२( बहुत उन को चाहा के अपना बनायें
अपना बनायें ) -२
मुक़दार को लेकिन गवारा नहीं हैहमें अब ये जीना गवारा नहीं है
के दुनिया में कोई हमारा नहीं हैमुहब्बत में ऐसा कोई दिन न गुज़रा -२
जिसे हम ने रो कर गुज़ारा नहीं हैहमें अब ये जीना गवारा नहीं है
के दुनिया में कोई हमारा नहीं है( न ख़ूं जान दे-दे वो क़िसमत का मारा
क़िसमत का मारा ) -२
ज़माने में जिस का सहारा नहीं हैहमें अब ये जीना गवारा नहीं है
के दुनिया में कोई हमारा नहीं है