ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें - The Indic Lyrics Database

ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अमित कुमार | संगीत - रवी | फ़िल्म - तेरी कसम | वर्ष - 1982

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ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ख़मोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
तरस रहे हैं जवां फूल होंठ छूने को
मचल मचल के हवाएँ बुला रही हैं तुम्हें
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों से खुशबू की भीक लेने को
झुकी झुकी सी घटाएँ बुला रही हैं तुम्हें
हसीन चंपई पैरों को जबसे देखा है
नदी की मस्त अदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
मेरा कहा ना सुनो इनकी बात तो सुनलो
हर एक दिल की दुआएँ बुला रही हैं तुम्हें