आईने के सौ टुकडें कर के हम ने देखे हैं - The Indic Lyrics Database

आईने के सौ टुकडें कर के हम ने देखे हैं

गीतकार - Nil | गायक - कुमार सानू | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - मां | वर्ष - 1991

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आईने के सौ टुकड़ें कर के हम ने देखे हैं
एक में भी तनहा थे, सौ में भी अकेले हैं
जो बना एक साथी, वो भी हम से छूटा है
बेवफा नहीं जब वो, फिर क्यो हम से रूठा है
खोयी खोयी आखों में आसुओं के मेले हैं
उस का हाल क्या होगा, यही गम सताता है
नींद भी नहीं आती, दर्द बढ़ता जाता है
ज़िन्दगी की राहों में लोग हम से खेले हैं
हर तरफ उजाला है, दिल में एक अंधेरा है
सामने कब आयेगा, क्यो छुपा सवेरा है
मेरा दिल जिगर देखो, कितने दर्द झेले हैं