गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - डोमनिक सेरेजो | संगीत - शंकर - एहसान - लॉय | फ़िल्म - नमस्ते लंडन | वर्ष - 2007
View in Romanयह तुम्हारी मेरी बातें, हमेशा यूँही, चलती रहे ...
यह हमारी मुलाक़ते, हमेशा यूँही, चलती रहे ...
बीते यूँही अपने सारे दिनरात
बातों से निकलती रहे नयी बात
फिर वहीं बातें लेके गीत कोई, हम लिखे ...
जो दिल को, सब के दिल को छू ले ...
बातें सुरों में यूँही पिघलती रहें ...
बातें गीतों में यूँही ढलती रहें ...
गीतों में हर गम को, खुशियों पे हम सजा दे
जो सुने कहे वो हम से, गाओं ना