कैसे मुझे तुम मिल गई - The Indic Lyrics Database

कैसे मुझे तुम मिल गई

गीतकार - प्रसून जोशी | गायक - बेनी दयाल - श्रेया घोषाल | संगीत - ए. आर. रहमान | फ़िल्म - ग़जनी | वर्ष - 2008

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कैसे मुझे तुम मिल गईं
किस्मत पे आए ना यक़ीं
उतर आई झील में
जैसे चाँद उतरता है कभी
हौले-हौले धीरे से
गुनगुनी धूप की तरह से
तरन्नुम में तुम
छू के मुझे गुज़री हो यूँ
देखूँ तुम्हें या मैं सुनूँ
तुम हो सुकूँ, तुम हो जुनूँ
क्यों पहले ना आईं तुम
कैसे मुझे तुम मिल गईं
किस्मत पे आए ना यक़ीं

मैं तो ये सोचता था के आजकल
उपरवाले को फ़ुर्सत नहीं
फिर भी तुम्हें बना के वो
मेरी नज़र में चढ़ गया
रुतबे में वो और बढ़ गया

बदले रास्ते झरने और नदी
बदले दीप की टिम-टिम
छेड़े ज़िंदगी धुन कोई नई
बदली बरखा की रिमझिम
बदलेंगी ऋतुएँ अदा, पर मैं रहूंगी सदा
उसी तरह तेरी बाहों में बाहें डाल के
हर लम्हा, हर पल
ज़िन्दगी सितार हो गई
रिमझिम मल्हार हो गई
मुझे आता नहीं किस्मत पे अपनी यक़ीं
कैसे मुझको मिल गई तुम