जाने क्या हाल हो कल शिष्य का पैमाने का: - The Indic Lyrics Database

जाने क्या हाल हो कल शिष्य का पैमाने का:

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - मां का आंचल | वर्ष - 1970

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जाने क्या हाल हो कल शीशे का पैमाने का
आज दर चोड़ चला है कोई मैख़्हाने का
जाने क्या हाल हो...हाथ थर्राने लगे, जाम गिरा टूट गया
ये कोई वक़्त न था आप के याद आने का
जाने क्या हाल हो...फिर न शरमाओगे तुम अपनी कहानी सुन के
दर्द ठोडऽअ सा मिला लो मेरे अफ़साने का
जाने क्या हाल हो...बेवफ़ाई का गिला सुन के हँसि आती है
ढूँढिये और बहाना कोई तड़पाने काजाने क्या हाल हो कल शीशे का पैमाने का
आज दर चोड़ चला है कोई मैख़्हाने का