सावन को आने दो - The Indic Lyrics Database

सावन को आने दो

गीतकार - गौहर कानपुरी | गायक - जसपाल सिंग - कल्याणी मित्रा | संगीत - राजकमल | फ़िल्म - सावन को आने दो | वर्ष - 1979

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तुम्हें गीतों में ढालूँगा
सावन को आने दो
झूलों की होंगी कतारें
फूलों की होंगी बहारें
सरगम के लय पे भँवरे
कलियों का घूँघट उतारें
सपने जगा लूँगा
तुमको तुम्हीं से मैं
एक दिन चुरा लूँगा
कब?
सावन को आने दो
देखो ये शान हमारी
हम हैं पवन के पुजारी
धरती गगन के मिलन की
आरती हमने उतारी
अब मैं ना मानूँगा
इस दिल के दर्पन में
तुमको सजा लूँगा
कब?
सावन को आने दो
बादल से रस रंग बरसे
प्यासा मन काहे को तरसे
कहती है बरखा दीवानी
गोरी सिमट नहीं डर से
अपना बना लूँगा
दिल में बसा लूँगा
सीने से लगा लूँगा
कब?
सावन को आने दो