बरसात के मौसम में - The Indic Lyrics Database

बरसात के मौसम में

गीतकार - सुदर्शन फ़ाकिर | गायक - कुमार सानू - रूपकुमार राठोड | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - नाजायज़ | वर्ष - 1995

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बरसात के मौसम में
तनहाई के आलम में
मैं घर से निकल आया
बोतल भी उठा लाया
अभी ज़िंदा हूँ तो जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
क़तरा क़तरा तो नहीं पीना है
आज पैमाने हटा दो यारों
सारा मयखाना पिला दो यारों
मयकदों में तो पिया करता हूँ
चलती राहों में भी पी लेने दो
आज की शाम बड़ी बोझल है
आज की रात बड़ी क़ातिल है
आह की शाम ढ़लेगी कैसे
आज की रात कटेगी कैसे
आग से आग बुझेगी दिल की
मुझे ये आग भी पी लेने दो