साथिया नहीं जाना के जी ना लगे - The Indic Lyrics Database

साथिया नहीं जाना के जी ना लगे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - रफी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - आया सावन झूम के | वर्ष - 1969

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साथिया नहीं जाना के जी ना लगे
मौसम है सुहाना के जी ना लगे
साथिया मैंने माना के जी ना लगे
जी को था समझाना के जी ना लगे
मेरे अच्छे बालमा छोड़ो आज बैया
वो झूठा जो सैंया कल आए ना
जाके फिर आओगी, आके फिर जाओगी
आने जाने में जवानी ढल जाए ना
छोडो आना जाना के जी ना लगे
जी का बुरा हाल है जब से जी लगाया
तुझे जे में बसाया तेरे हो लिए
जी का था ख़याल तो काहे जी लगाया
मुझे जी में बसाया ऐ जी बोलिए
अब काहे पछताना के जी ना लगे
जाने की तो बालमा मर्ज़ी नहीं मेरी
ड़र लगदा है वैरी जगवालों से
छड्डो वी ना सोणियों जग से डरते हो
जग खुद डरता है दिलवालों से
छोड़ो ये बहाना के जी ना लगे