प्रीत के बंधन में उन पर कौन करे जी विश्वास - The Indic Lyrics Database

प्रीत के बंधन में उन पर कौन करे जी विश्वास

गीतकार - भरत व्यास | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - कवि कालिदास | वर्ष - 1959

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प्रीत के बंधन मेंल : उन पर कौन करे जी विश्वास -२
किए भँवरों का भेस फिरे कलियों के देस
करे रसिया जो घर-घर विलास
उन पर कौन करे ...र : ओ ये तो जुग-जुग की है प्यास -२
जिसे भँवरा बुझाए कली-कली पास आए
करे पूरी अधूरी जो आस
ये तो जुग-जुग की ...ल : रस के लोभी चैन न पाएँ उलटे अपनी प्यास बढ़ाएँ
इक प्याली से जो प्रीत लगाएँ जनम-जनम की प्यास बुझाएँ
जैसे धरती और आकाश ओ जैसे धरती और आकाश
जब दोनों मिले तो सारी सृष्टि हिले
छाए पतझड़ में भी मधुमास
उन पर कौन करे ...र : सूरज है एक उसकी किरणें हज़ार हैं
सरजन हारा है उसे कण-कण से प्यार है
बंधन में प्रीत के कब वो लाचार है
वो कमलिनी के मन का सिंगार है करे घर-घर में वो प्रकाश -२
उसका हृदय विशाल उसमें नवयुग की ज्वाल
नव-जीवन भरी उसकी श्वांस
ये तो जुग-जुग की ...