हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने - The Indic Lyrics Database

हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - फर्ज़ | वर्ष - 1967

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हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने
चाहे तू माने, चाहे ना माने
हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने
चाहे तू माने, चाहे ना माने
आई हैं यूँ प्यार पे जवानियाँ
अरमां दिल में है, दिल मुश्किल मैं है जान-ए-तमन्ना
तेरे इसी प्यार की कहानियाँ
हर महफ़िल में हैं, सबके दिल में हैं जान-ए-तमन्ना
छेड़ते हैं सब मुझको अपने बेगाने
चाहे तू माने, चाहे ना माने
सोचो मोहब्बत में कभी हाथ से दामन छूटे तो
दो दिल रूठे तो, तो फिर क्या हो
ऐसा न हो काश कभी प्यार में वादे टूटे तो
दो दिल रूठे तो, तो फिर क्या हो
हम तो चले आएं सनम तुझको मनाने
चाहे तू माने, चाहे ना माने
मस्त निगाहों से इस दिल को मस्त बनाए जा
और पिलाए जा प्यार के साग़र
दिल पे बड़े शौक से सितमग़र ठेस लगाए जा
तीर चलाए जा याद रहे पर
तीर कभी बन जाते हैं खुद निशाने
चाहे तू माने, चाहे ना माने