बहार आई लुटा दिल मेरा हाय आबाद हो कर - The Indic Lyrics Database

बहार आई लुटा दिल मेरा हाय आबाद हो कर

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सज्जाद हुसैन | फ़िल्म - हलचल | वर्ष - 1951

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बहार आई मगर दिल में फूल न खिल सके
हम उनको पा के भी अफ़सोस उनसे मिल न सकेलुटा दिल मेरा हाय आबाद हो कर
हँसी रह गई मेरी फ़रियाद हो करसिवा मेरे था कौन उनका जहाँ में
उन्हें मैने इस हाल में आज देखा
निग़ाहें तड़प उठीं नाकाम हो करज़माने से कह दो कि ख़ुशियाँ मनाए
मोहब्बत तड़पती है बरबाद हो कर