चोरी से छुप छुपा के मुझे आज कुछ ना कहना - The Indic Lyrics Database

चोरी से छुप छुपा के मुझे आज कुछ ना कहना

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अलका याज्ञनिक | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - अकेला | वर्ष - 1991

View in Roman

चोरी से छुप छुपा के आया था मैं लगा के
फिर पान भी चबाया फिर इतर भी लगाया
थोड़ा सम्भल सम्भल के आया मैं सीधा चल के
पर लड़खड़ा गया मैंमेरी चोरी पकड़ी गई ना
मुझे आज कुछ न कहना मेरा दिल ठिकाने हई नामुर्गे से बोली मुर्गी तोते से बोली मईना
उनका मज़ाक ठहरा मेरी जान गईना
मुझे आज कुछ न कहईना मेरा दिल ठिकाने हईनामस्तियां और बढ़ें और नशा छाये
झूम उठे मेरा दिल पास जो तू आए
अब तुझको देखता हूँ मैं दिल में सोचता हूँ
कितनी हसीन है तू लड़की है या है जादू
है गोरा गोरा मुखड़ा ये काले काले नैना
मुझे आज कुछ न कहईना ...अब तक हूँ मैं कुंवारा मुश्किल है अब गुज़ारा
मंडप सजा हुआ है बाजा भी बज रहा है
चाहे तो साथ मेरे ले ले तू सात फेरे
ना ना अच्छा हूँ मैं अकेला शादी तो है झमेला
दिन रात की सलामी बीवी की है गुलामी
रोते अच्छे अच्छे मुझको तो तोता बन के
पिंजरे में नईयो रहना
मुझे आज कुछ न कहईना ...प्यार पर क़ैद है न दिल पे कोई पहरे
दूल्हा दुल्हन के हैं फूलों की तरह चेहरे
ये रानी और वो राजा गूंजा खुशी का बाजा
जारी है जश्न-ए-शादी बाकी है रात आधी
नाचूंगा गाऊंगा रे मैं आज सारी रईना
मुझे आज कुछ न कहईना ...