ये सफर बहोत है कठीन मगर - The Indic Lyrics Database

ये सफर बहोत है कठीन मगर

गीतकार - समीर | गायक - शिवाजी चटोपाध्याय | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - ढ़ाई अक्षर प्रेम के | वर्ष - 2000

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दिल ना उम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है
लंबी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है
ये सफ़र बहोत है कठीन मगर
ना उदास हो मेरे हमसफ़र
ये सितम की रात है ढलने को
है अन्धेरा ग़म का पिघलने को
ज़रा देर इस में लगे अगर
ना उदास हो मेरे हमसफ़र
नहीं रहनेवाली ये मुश्किलें
के हैं अगले मोड़ पे मंज़िलें
मेरी बात का तू यकीन कर
ना उदास हो मेरे हमसफ़र
कभी ढूंढ लेगा ये कारवां
वो नई जमीं, नया आसमाँ
जिसे ढूँढती है तेरी नजर
ना उदास हो मेरे हमसफ़र