आगे बढ़ो आगे चलो - The Indic Lyrics Database

आगे बढ़ो आगे चलो

गीतकार - हसरत | गायक - रफी | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - चोरी चोरी | वर्ष - 1956

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आगे बढ़ो आगे चलो
छोटी सी ये अलटन पलटन है मेरे घर की
साथ हमारे तोप का गोला बात नहीं है डर की
है भाई

कभी खाली गया न निशाना
हमसे टकरायेगा क्या ज़माना
हाय्! रे दुनिया और दुनियादारी
आखिर पड़ा सर झुकाना -पप्पा
धत् तेरे की


गीत गाते हुए हम चले हैं
फिर न पूछो बड़े दिल जले हैं
दिल में बिठा लो, ऐ दुनियावालों
हम भी बड़े मनचले हैं -पप्पा
अरे चुप्!$