मेरी सांसो में बसा है, तेरा ही एक नाम - The Indic Lyrics Database

मेरी सांसो में बसा है, तेरा ही एक नाम

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - उदित नारायण | संगीत - नुसरत फतेह अली खान | फ़िल्म - और प्यार हो गया | वर्ष - 1997

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मेरी सांसों में बसा है, तेरा ही एक नाम
तेरी याद हमसफ़र सुबह शाम
तू मेरे दिन में, रातों में
ख़ामोशी में, बातों में
बादल के हाथों मैं भेजूं तुझको ये पयाम
आँखों में तस्वीर है जैसे
तू मेरी तक़दीर है जैसे
उस दिल से इस दिल तक आती
धड़कन की ज़ंजीर है जैसे
ख़्वाबों ख़्वाबों तू मिले, न जाने क्या है सिलसिले
पलकों पर ये प्यार के न जाने कितने गुल खिले
तेरे ख़्वाब सजाते रहना अब है मेरा काम
तेरी याद हमसफ़र सुबह शाम
फूलों पर शबनम की नमी है
रंगों की महफ़िल सी जमी है
मौसम भी मंझर भी मैं भी
कहते हैं बस तेरी कमी है
बागों में हम जो मिले, तो गाए सारी कोयले
महके सारा ये समा, हवाएँ महकी सी चले
तेरी ख़ुश्बू से भर जाए कलियों के ये जाम
तेरी याद हमसफ़र सुबह शाम