कैसे ऐ हैं दिन हाय अंधेर के - The Indic Lyrics Database

कैसे ऐ हैं दिन हाय अंधेर के

गीतकार - प्रदीप | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नास्तिक | वर्ष - 1954

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कैसे आये हैं दिन हाय अंधेर के
बैठे बलमा हमारे नजर फेर के -२
बात क्या है जो रूठे बड़ी देर के -२
बैठे बलमा हमारे नजर फेर के -२( आ
क्या है ख़ता हमारी हमारा है क्या क़ुसूर ) -२
जितने हैं क़रीब ये उतने ही दूर दूर
हो
इनके नख़रे तो देखो

ए जी इनके नख़रे तो देखो सवा सेर के
इनके नख़रे तो देखो सवा सेर के -२
हाय सवा सेर के
बैठे बलमा हमारे नजर फेर के
बैठे बलमा हमारे
कैसे आये हैं दिन हाय अंधेर के -२
बैठे बलमा हमारे नजर फेर के -२आ
फ़ुरसत का है ये वक़्त ये रातें बहार की -२
क्या यूँही गुज़र जायेंगी घड़ियाँ ये प्यार की
हो
कोई रस्ते पे ला दो

ए जी कोई रस्ते पे ला दो इन्हें घेर के
कोई रस्ते पे ला दो इन्हें घेर के -२
इन्हें घेर केबैठे बलमा हमारे नजर फेर के -२
कैसे आये हैं दिन हाय अंधेर के -२
बैठे बलमा हमारे नजर फेर के -२कैसे आये हैं दिन हाय अंधेर के
बैठे बलमा हमारे नजर फेर के