आखों में तेरी - The Indic Lyrics Database

आखों में तेरी

गीतकार - विशाल-शेखर | गायक - क.क | संगीत - विशाल-शेखर | फ़िल्म - ओम शांति ओम | वर्ष - 2007

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हो आँखों में तेरी अजबसी
अजबसी अदायें हैं
आँखों में तेरी अजबसी
अजबसी अदायें हैं
दिल को बना दे जो पतंग
साँसे ये तेरी वो हवायें हैं

आयी ऐसी रात है जो
बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया
वो मेरे क़रीब है

आयी ऐसी रात है जो
बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया
वो मेरे क़रीब है

कितना कुछ कहना है
फिर भी दिल में सवाल कहीं…

सपनों में जो रोज़ कहा है,
वो फिर से कहूं या नहीं..

आँखों में तेरी अजबसी
अजबसी अदायें हैं
आँखों में तेरी अजबसी
अजबसी अदायें हैं
दिल को बना दे जो पतंग
साँसे ये तेरी वो हवायें हैं

तेरे साथ साथ ऐसा
कोई नूर आया है
चांद तेरी रोशनी का
हल्कासा एक साया है

तेरे साथ साथ ऐसा
कोई नूर आया है
चांद तेरी रोशनी का
हल्कासा एक साया है

तेरी नज़रों ने
दिल का किया जो हशर
असर ये हुआ

अब इन में ही डूब के
हो जाऊं पार, यही है दुआ

आँखों में तेरी अजबसी
अजबसी अदायें हैं

हो.. आँखों में तेरी अजबसी
अजबसी अदायें हैं
दिल को बना दे जो पतंग
साँसे ये तेरी वो हवायें हैं..