पैगाम लाया सावन दामन से बंध जाए दामन - The Indic Lyrics Database

पैगाम लाया सावन दामन से बंध जाए दामन

गीतकार - महबूब | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, शान | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लकीर - निषिद्ध रेखाएं | वर्ष - 2004

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शा : पैग़ाम लाया सावन
दामन से बँध जाये दामन
रिमझिम ख़ुशियों की बरसे हम पे बरखा
चंचल हवा ये बोली
सजनी फिर तेरी डोली
डोली फिर डोले जैसे डोले चँदा
जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
नील गगन को बादल बन के छू जाऊँ मैं
जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैंक : बरखा पवन ये बूंदें
सबने उड़ा दी नींदें
जागी आँखों में मेरी जागा सपना
मनवा मेरा भी डोले
हौले हौले ये बोले
बेगानी दुनिया में है तू ही अपना
जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
नील गगन के बादल तुझ में छुप जाऊँ मैं
जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैंबरखा पवन ये बूंदें
सबने उड़ा दी नींदें
जागी आँखों में मेरी जागा सपनाको : सी ले सी लेशा : सागर किनारे किसी परबत के साये में
दिखता है एक आशियाँ
क : है जान जब तक मैं रहूँ तेरे दिल में ही
वही है मेरा आशियाँ
शा : मासूम हैं बातें ऐसी
फूलों पे हो शबनम जैसी
मैं खिल सा गया
महक उठा जग साराक : जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
नील गगन के बादल तुझ में छुप जाऊँ मैंशा : जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
पैग़ाम लाया सावन
दामन से बँध जाये दामन
रिमझिम ख़ुशियों की बरसे हम पे बरखाक : मनवा मेरा भी डोले
हौले हौले ये बोले
बेगानी दुनिया में है तू ही अपनाको : सी ले सी लेक : शाख़ों पे झूला झूलें नई नवेली ये कलियाँ
तेरी बाँहों में झूलें हम
शा : चाहत का मौसम आया
तनहाई संग लाया
मदहोश हैं आज हम
क : मदहोशी अब ना टूटे
दामन ये तेरा ना छूटे
है संग तेरा रंग तेरा मेरा क्याशा : जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
नील गगन को बादल बन के छू जाऊँ मैंक : जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैंशा : पैग़ाम लाया सावन
दामन से
क : जागी आँखों में मेरी जागा सपनाक : जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
नील गगन के बादल तुझ में छुप जाऊँ मैं
जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं
जी करता है पंख लगा के उड़ जाऊँ मैं