दुउर है किनारा गहरी नदी की धारा - The Indic Lyrics Database

दुउर है किनारा गहरी नदी की धारा

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - मन्ना दे | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - सौदागर | वर्ष - 1973

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दूर है किनारा -२
गहरी नदी की धारा
टूटी तेरी नइया
माझी
खेते जाओ रे
हे हे नइया
खेते जाओ रे
दूर है किनारा
होआँधी कभी तूफ़ाँ कभी
कभी मझधार
ओ माझी रे
हे हे माझी रे
आँधी कभी तूफ़ाँ कभी
कभी मझधार
जीत है उसी की जिसने
मानी नहीं हारमाझी
खेते जाओ रे
दूर है किनारा
होडूबते हुये को बहुत है
तिनके का सहारा
ओ माझी रे
हे हे माझी रे
डूबते हुये को बहुत है
तिनके का सहारा
मन जहाँ मान ले माझी
ए हे मन जहाँ मान ले माझी
वहीं है किनारामाझी
खेते जाओ रे
दूर है किनारा
हो
हे हे नइया
खेते जाओ रे