एक लडकी भीगी भागी सी, सोती रातों में जागी सी - The Indic Lyrics Database

एक लडकी भीगी भागी सी, सोती रातों में जागी सी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - चलती का नाम गाडी | वर्ष - 1958

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एक लड़की भीगी भागी सी, सोती रातों में जागी सी
मिली एक अजनबी से, कोई आगे ना पीछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
दिल ही दिल में जली जाती है
बिगड़ी बिगड़ी चली आती है
झुंझलाती हुई, बलखाती हुई
सावन की सुनी रात में
डगमग डगमग लहकी लहकी
भूली भटकी, बहकी बहकी
मचली मचली, घर से निकली
पगली सी काली रात में
तन भीगा है, सर गीला है
उसका कोई पेंच भी ढीला है
तनती झुकती, चलती रुकती
निकली अंधेरी रात में