मेरी नींदों में तुम, मेरे ख्वाबों में तुम - The Indic Lyrics Database

मेरी नींदों में तुम, मेरे ख्वाबों में तुम

गीतकार - जां निसार अख्तर | गायक - शमशाद बेगम - किशोर कुमार | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - नया अंदाज़ | वर्ष - 1956

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मेरी नींदों में तुम, मेरे ख्वाबों में तुम
हो चुके हम तुम्हारी मोहोब्ब्त में गुम
मन की बीना की धुन, तू बलम आज सुन
मेरी नज़रो ने तुझको लिया आज चुन
मेरे दिल की लगी तू, मेरी ज़िन्दगी तू
मेरी हर नज़र है तेरी दास्तां
मेरे दिल की बहारें तुम ही को पुकारे
तुम्ही से है आबाद मेरा जहां
तू मेरा नाज़ है, मेरा अंदाज है, दिल की आवाज़ है
दिल पे छायी खुशी है, लबों पर हँसी है
खिली है तेरे प्यार की चाँदनी
घूमती हैं निगाहें, नशा छा रहा है
के दिल गा रहा है तेरी रागिनी
होले होले सजन, मेरा कहता है मन, अब तो लागी लगन
तुम मेरे हो गये हो तो ये चाँद तारे
ये सारे नज़ारे मेरे हो गये
दिल हुआ है दीवाना, समा है सुहाना
कहें क्या तेरे प्यार में खो गये
रात गाने लगी, गुनगुनाने लगी, नींद छाने लगी