चली मेरी दुल्हन की डोली - The Indic Lyrics Database

चली मेरी दुल्हन की डोली

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - दर्पण | वर्ष - 1970

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चली मेरी दुल्हन की डोली होय चली मेरी दुल्हन की डोली
साथ है जीवन-साथी क्या करने हैं बाराती
चली मेरी दुल्हन ...मस्त पवन के ये झोंके संग बन के आज कहार चले
बाबुल के घर से गोरी को ले के साजन के द्वार चले
संग ये बदरिया भी हो ली हो ली
चली मेरी दुल्हन ...दुनिया दीवानी कहती थी पतझड़ में फूल नहीं खिलते
हटते नहीं परवत रस्ते से धरती आकाश नहीं मिलते
दुनिया है ये कितनी भोली-भाली
चली मेरी दुल्हन ...फूलों के नहीं अरमानों के मैं हार तुझे पहनाऊँगा
कलियों से नहीं आशाओँ से मैं तेरी सेज सजाऊँगा
मेरे हमराही हमजोली हमजोली
चली मेरी दुल्हन ...