ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा - The Indic Lyrics Database

ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - मुकेश | संगीत - दत्ताराम | फ़िल्म - नीली आंखें | वर्ष - 1962

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ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा मैने देखा है ये क्या
ज़ुल्फ़ चेहरे पे गिरी चाँद बदली में छुपा
ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा ...
चलने लगी क्यों हवा लहरा के झूम के
आई है शायद तेरी ज़ुल्फ़ों को चूम के
ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा ...
घूँघट उठाया तेरा रंगीं बहार ने
तू वो कली है जो खिल जाए प्यार में
साहिल पे देखा तुझे लहरें जवाँ हुईं
और छू के दामन तेरा जाने कहाँ गईं
ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा ...
तेरे ही दम से तो आज की रात हसीं
मस्ती में डूबी फ़िज़ा लो चली दूर कहीं
गुमसुम सी बैठी है किस हाल में
उलझा दिया है तुझे किस ख़्याल ने
ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा ...