सबा से ये कह दो के कलियाँ बिछाए - The Indic Lyrics Database

सबा से ये कह दो के कलियाँ बिछाए

गीतकार - जलाल मलिहाबादी | गायक - आशा: | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - बैंक मैनेजर | वर्ष - 1959

View in Roman

सबा से ये कह दो के कलियाँ बिछाए
वो देखो, वो जान-ए-बहार आ रहा है
चुरा ले गया जो, इन आँखों की नींदें
वही लेके दिल का क़रार आ रहा है
सबा से ये कह दो
ये कौन आ गया दिल को करता इशारे
के महकी फ़ज़ा, मुस्कुराए नज़ारे
क़दम बढ़के तू चूम ले ऐ मोहब्बत
के दिल को बहुत, उनपे प्यार आ रहा है
सबा से ये कह दो
ये माना के महफ़िल में अंजान है तू
मगर जब भी तुझसे निगाहें मिली हैं
मुझे ये लगा है, पयाम-ए-मोहब्बत
नज़र से तेरी बार-बार आ रही है
सबा से ये कह दो
ये रँगीन फ़साना कोई मुझसे पूछे
के तू कैसा प्यारा है कितना हसीं है
सुना था हसीं जिनपे करते हैं जादू
तुझे देखकर ऐतबार आ रहा है
सबा से ये कह दो $