फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनमो - The Indic Lyrics Database

फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनमो

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, मन्ना डे, सआदत ख़ान | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - रुस्तम सोहराब | वर्ष - 1963

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फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनम, ऐ सनम
हम न भूलेंगे तुम्हें, अल्लाह क़सम
अल्लाह क़सम, अल्लाह क़सम, अल्लाह क़सममन्ना दे:
हाल-ए-दिल यार को लिखूँ कैसे
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
किस तरह उनको बताएं अपना ग़म, ऐ सनम
हम न भूलेंगे तुम्हें, अल्लाह क़समसादत खान:
तुम मेरे दिल में, मेरी आँखों में हो
तुम मेरे ख़्वाबों, मेरी आहों में हो
दूर रहकर भी जुदा होंगे न हम, ऐ सनम
हम न भूलेंगे तुम्हें, अल्लाह क़समरफ़ी:
जबसे देकी सूरत उनकी, हम शमा जलाना भूल गए
रुख़सार की सुर्खी क्या कहिए, फूलों का फ़साना भूल गए
बस इतनी कहानी है अपनी, जब आँख मिली बेहोश हुए
दामन से हवा तुम कर न सके, हम होश में आना भूल गए
कितने प्यारे हैं मोहब्बत के सितम, ऐ सनमक्या लुत्फ़ आ रहा था-३, दिलबर की दिल्लगी से
नज़रें भी थी मुझी पर, परदा भी था मुझी से
क्या हसीं तसवीर थी, अल्लाह क़सम, ऐ सनम
हम न भूलेंगे तुम्हें, अल्लाह क़सम
अल्लाह क़सम, अल्लाह क़सम, अल्लाह क़सम