ऐ जान-ए-चमन तेरा गोरा बदन - The Indic Lyrics Database

ऐ जान-ए-चमन तेरा गोरा बदन

गीतकार - राजेंद्र कृष्ण | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - अनमोल मोती | वर्ष - 1969

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ऐ हुस्न-ए-बेख़बर, तुझे तकने को एक नज़र
झुकता तो होगा रोज़ तेरे घर पे माहताब
(ऐ जान-ए-चमन तेरा गोरा बदन जैसे खिलता हुआ गुलाब
ज़ालिम तेरी जवानी, क़यामत तेरा शबाब
ऐ जान-ए-चमन)
ऐ जान-ए-चमन ...
मल-मल के जिस्म इतना भी, पानी में मत नहा
डर है कहीं ये पानी भी बन जाए ना शराब
ऐ जान-ए-चमन तेरा गोरा बदन ...
ऐ जान-ए-चमन ...
बाग़ों के आस पास भी जाना न भूल के
होगा भरी बहार में, फूलों का जी ख़राब
ऐ जान-ए-चमन तेरा गोरा बदन ...
ऐ जान-ए-चमन ...
तुझको बनानेवाला भी सौ कोशिशें करे
ला न सकेगा, ढूँढ़ के तेरा कोई जवाब
ऐ जान-ए-चमन तेरा गोरा बदन ...
ऐ जान-ए-चमन ...