हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे है, खो बैठे - The Indic Lyrics Database

हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे है, खो बैठे

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - दिल एक मंदिर | वर्ष - 1963

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हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे हैं, खो बैठे
तुम कहते हो के ऐसे प्यार को भूल जाओ, भूल जाओ
पंछी से छुड़ाकर उसका घर, तुम अपने घर पर ले आये
ये प्यार का पिंजरा मन भाया, हम जी भर भर कर मुसकाये
जब प्यार हुआ इस पिंजड़े से, तुम कहने लगे आज़ाद रहो
हम कैसे भुलाये प्यार तेरा, तुम अपनी ज़ुबान से ये ना कहो
अब तुमसा जहां में कोई नहीं है, हम तो तुम्हारे हो बैठे
तुम कहते हो के ऐसे प्यार को भूल जाओ, भूल जाओ
इस तेरे चरण की धूल से हमने अपनी जीवन माँग भरी
जब ही तो सुहागन कहलायी, दुनिया की नज़र में प्यार बनी
तुम प्यार की सुंदर मूरत हो और प्यार हमारी पूजा है
अब इन चरणों में दम निकले, बस इतनी और तमन्ना है
हम प्यार के गंगाजल से बलम जी तनमन अपना धो बैठे
तुम कहते हो के ऐसे प्यार को भूल जाओ, भूल जाओ
सपनों का दर्पन देखा था, सपनों का दर्पन तोड़ दिया
ये प्यार का आँचल हमने तो दामन से तुम्हारे बाँध लिया
ये ऐसी गाँठ है उल्फ़त की, जिस को ना कोई भी खोल सका
तुम आन बसे जब इस दिल में, दिल फिर तो कहीं ना डोल सका
ओ प्यार के सागर हम तेरी लहरों में नाव डूबो बैठे
तुम कहते हो के ऐसे प्यार को भूल जाओ, भूल जाओ